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क्रिया खोरठा व्याकरण | JSSC CGL Khortha Notes

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क्रिआ खोरठा व्याकरण (परीभाषा):- खोरठा बाइकें क्रिआक ठांव ठेकान बा, जे कोन्हो सबद से कोन्हो का  हवेक बा करेक पता चल हे उकरा किरिआ कहल जा हे। जइसे – खाइक,पिएक, रहेक, जाइक
सदानी भासाव वेवहारे किरिआ के चाइर रकम पावल जा हे –

क्रिया खोरठा व्याकरण Khortha Notes BY Jharkhand Exam Prep
क्रिया खोरठा व्याकरण

क्रिआ के परीभाषा :-  क्रिआ ,संगिआ आर विसेसन सवदेक अइसन सवदेक कहल जा हे जेकर से कोन्हो काम हवेक वा करेक पता चल हे उकरा क्रिआ कहल जा हे।

1. असल किरआ

खोरठाक असल क्रिआ माने हव हे कि क्रिआ एकदम अजाद वा स्वतंत्र रह हे। मने क्रिआ मूल धातु से बन हें। जइसे –
मुरछा – मुरछेक
पाछे – पाछेक
रच-रच – रचरचाइक
खोट – खोटेक
डांग – डोगेग
डोगेक – कारी महुआ डोगो हे
खोटेक – बुटेक साग खोटक
रगड़ेक – खुटी रगड़ेक
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2. दोहरी क्रिआ वा जोरल

दोहरी क्रिआ वा जोरल – खोरठााक एसन किरिआ, जेकर संगिाअ परतइ जोइर के बनबल जा हइ
पाछ + एक पाछेक = कोन्हो चिज के छोट करेक, बा छोट- छोट करेक
काम +एक  = कमाइक (काम करेक)
उसका +वेक  = उसकावेग (उटकेक)
हुल +कारेक  =हुलकारेक (भगवेक)
रच -रचाइक,
हट-हटाइक
पट-पटाइक
भट-भटाइक
गर-गराइक

3. उसरावेक वा हुलकारेक किरिआ

उसरावेक वा हुलकारेक किरिआ –जोन किरिआ से इ बात के पता चले कि करता अपने कोन्हो काम नाञ् करे हे वा दोसर से करवावे हे-
काटेक – कटवावेक
ललचाइक – ललचावेइक
लिखेक – लिखवावेक
रचरचावेक
हटहटावेक
पटपटावेक
भटकावेक
गरगरावेक
पीएक – पिआवेकवाक्य में  देखेल जाउक
सीता आपन माइ से घास कटबेलइ
उ हमरा मिठाइ देखाक ललचेलइ
बुधनी मोहना से चिठी लिखवेलइ
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4. बितल किरिआ

 बितल किरिआ:- जे किरिआ से कोन्हो काम बितल के भाव फरीछ हव
हे – जैसे
माइर के – उकरा माइर के चमड़ी उधेइन देलकइ
फाइर के – लुगा फाअड़ के पोतन बनेलकइ
गाइर के – लेदरा गाइर के सुखेलकइ
घसिटेक – उकरा घिसाइट के ले गेलइ।

क्रिआ बनवेक नियम – (khortha bhasha ke kiriya)

खोरठांञ् क्रिआ वनवेक आपन विसेसता पावल जा हे जो दोसर तिसर भासांञ् ई रकम नांञ पावल जा हे खोरठांञ् सवदे से आरर विसेसन सबदें से किरिआ वनवेकआंआ ढांगा हे। संगिआआर बिसेसन खोरठा भासाक आपन परतइ जोइर नाइर के बनवल जा हे।

1. संगिआ सबदे से क्रिआ वनवेक नियम

संगिआ सवद से क्रिआ बनवेक लाइ खोरठांञ् आपन विसेस विधान हइ। जेरंग अंग्रेजी भासांञ् एइसन विधान बा नियम बगरा बा ढइर पावल जा हइ। संगिआ सवदे आवेक एक प्रत्य जुटल से क्रिआ बनो हइ।
संगिआ सबद क्रिआ सबद
(1) पानी – पनिआवेक
(2) डहर – डहरावेक
(3) घोरना – घोरेक
(4) पास – पासेक
(5) ठावं – ठावं देवेक (पूजा करेक खातिर)

विसेसन से क्रिआ बनवेक

विसेसन माने संगिआ आर सरवनाम के गुण वा विसेसता बतावे उकर
विसेसन कहल जा हे।
जुठा – जुठावेक
रांगल – रागावेकरंग – रागेक
रोदल – रोदावेक
करकर – करकरावेक
सुखल – सुखावेक
विसेसन सबदें (एक) (आवेक) प्रतयय जुटल से क्रिआ बनो हइ।

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