विशेषण खोरठा व्याकरण
बिसेसन संगिआ वा सरवनाम के विशेषता बतावे उकरा विसेसन कहल जा है । एक पटतर खोरठा लोक गीत देखल जाय
1. संखिआ वाचक विसेसन : – विसेसन से संखिआ के बोध होवे हे। उकर संखिआ वाचक विसेसन कहल जा है । संखिआ वाचक विसेसन के दूगो भेद हइ( i ) गोडावल ( निश्चित संख्या वाचक ) – मने कोन्हो निसचित संखिआके देखबाल जा हे। जइसे एक आना , सोलह आना , दस पसेरी , दुगना
( ii ) अनठेहरी ( अनिश्चित वाचक ) जेकर से कोन्हों संखिआ के बोध नाँय होवे जइसे – मन , सेर , किलो , कते , पइला |
2. मातराववाचक विसेसन : – संगिआ बा सर्वनाम के अइसन सबद कोन्हो मातराक बोध हव हे एकमन , चार पसेरी , दू से घी ! |
3. सर्वनामकि विसेसन :- जे सर्वनाम, संगिया बा किरिया के प्रयोग विशेषण रुपे होओ हई उकार सार्वनामिक विसेसन कहल जा ह इ। जइसे- उ भूखे लरबरेलउ , ए वाइक में उ सर्वनाम हे ,लरबरेलउ विसेसन ,जे ओकर विसेसता बात रहल ह इ। |
4. गुणवाचक विसेसन : जे संगिआ वा सरबनाम के गुण सभाव के विसेसता बतावो हे । – जइसेसमय बोधक- नावा , पुरना , अगला , पिछवाड़ी स्थान बोधक – उजइल , भीतर , पुरविआ , पछिआरा अकार बोधक-गोल , चरखुट , चोख , सोझ , लग रंग बोधक – केलाइल , पीइर , हरिहर , चरका , करिआ · दसा बोधक – लटल , मोटाइल , गोड़ , लोधकी , थेइच गुण बोधक – बेस , खराब , गमकल , सकाहा , सोझ |
विसेसन बनवेक नियम (विसेसता)
खोरठा ऐसन विसेसन हे जे आपन मूल रूपें अपने विसेसन वनल रह हे जइसे -ललहून , गोला , घोघराइल , होचाइक , पकठाइल , पिरी ( ललहुन आर जरक ) पकठाइल मकइ ,
संगिआ से बनल वविसेसन-
रंग -रंगाइल पानी पनिआइल , पइनजर , पइनसोर तेलगर , तेलाइल खुदी खुदिआइल रोग रोगलाहा , रोगाहा
सुख- सुखाइल
रोदा- रोदाइल
गादा – गदराइल
लुइर – लुइरगर
खिचा- खिचाइल
घोद – घोवराइल
सिस -सिसआइ
केला -केलाइल
प्रकृति मतूलक सवदें विसेसन बनल :-
रचरचाइल , रटरटाइल , छट पटाइल , हरहरी पटप ट ई ल
क्रियाविशेषण से बने विशेषण शब्द
क्रियाविशेषण विशेषण
हड़बड़ हड़बड़ाइल
दनदन दनदनाइल
पनपन पनपनाइल
परपर परपराइल