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कारक खोरठा भाषा व्याकरण | JSSC CGL Khortha Notes

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संगिआ आर सरबनामेक वइसन रूप के  कहल जा हे जेकर से बाइक केआरो-आरो सबदेक मांझे नाता गोतर के पता चल-हे। जइसे – इ बाइक देखा – राममारलइ कपरा खुन बहल पुलिस अइला पकड़े ले गेला, उ जेल भागल।इ बाइक से कोन्हो भाव बेस लखे फरीछइ नांञ हवत हे जोदि एकरा कारकीय रूप लिख के ई लखे कहल जाइ तो भाव फरीछ भइ जेतइ-
‘‘राम के मारलइ कपरा से खुन बहल!
पुलिस आइला पकड़ के ले
गला, उ जेल से भागल।
खोरठा भासाक विद्वान ए. के. झा खोरठा सहित सदानेक वेआकरनें लिखल हथ कि हिन्दी रकम खोरठांञ करकीय रूप पावल जा हे, मकिन एकर आपन विभक्ति हइ .

कारक खोरठा व्याकरण Khortha Notes BY Jharkhand Exam Prep
कारक खोरठा व्याकरण

“कारक” खोरठा भाषा व्याकरण (KHORTHA BHASHA KE KARAK) चिह्न क्या है ?

क्र.स कारक हिन्दी कारक चिह्न

(Hindi bhasha ke karak)

खोरठा के कारक चिह्न(khortha bhasha ke karak) खोरठा बाइक
1 कर्ता ने 0 (शून्य)

एं

राम कहलए,

रामे कहलइ

बापें कहलइ

2 कर्म  को के

राम मोहनेक मारलइ

हम तोहरा कहलइ

हम तोहरो कहलइ

3 करण से से

एं

ञ्

लाठी  से पिटलक

लाठी पिटलइ

कोरांञ्  गिरलइ

4 समप्रदान- के, लिए- ले

लिए-लाइ/लागिन

खातिर

राम ले घर गेल

राम लागिन

 

राम खातिर

5 आपादान – से ले/से रुखे से छउआ गिरलइ

फेड ले पतइ गिरलय

6 संबंध –  का, के, की क/का/कर  रामेक फोलटेन।

रामकर कलम

7 अधिकरण – में, पर एं/वांए रामें कहलय
8 संबोधन – हे, हो, अरे एहो/एगो/अगे रामा हो/एहो काका!

खोरठा  भाषा कारक के चिन्हों की  विशेषता :-(KHORTHA BHASHA KE KARAK CHINH) 

1. कर्ता – (ने) – करता कारक माने जे कोन्हो किरिआ कर हे जइसे –
राम ने कहा = रामे कहलक
खोरठा 0 (शून्य) विभक्ति लग हइ = राम कहलइसिखरिआ छेतरें एं विभक्ति लगवेक परचलन हइ – बापे कहलइ (बाप ने कहा)
कर्ता कारकें ए विभक्ति लगा हइ = रामे कहलइ (राम ने कहा)
2. कर्म (से) – बाइक के क्रिआक कल जोन सबद पर पड़ हे उकरा करम कारम कहल जा हइ – राम ने श्याम को पीटा – राम श्यामेक पिटलइ, विभक्ति के लगो हइ = राम श्यामेक पिटलइ करम सरबनाम रहे से संबंधकारकीय आ, ओ विभक्ति -हाम तोहरा
कहलिओं ( मैंने आपको कहा)
3. करन (से) – बाइकें जिस सबद से किरिआक संबंध के बोध हव हे – हाम कलमें लिखो हे।
घ् विभक्ति 0/ञ्/से/चल हइ- लाठी पीटलइ, कारांञ् कांदो हइ, सोटांञ्
पिटलइ से विभक्ति = लाठी से पिटलइ
4. सम्प्रदान (को /के/लिए) – लाइ/लागिन/खाति – जेकर लाइ कुछ करल जाइ जइसे- हमर लाइ/लागिन/खातिर गेलइ।
5. आपादान कारक – ले/से – स्ंगिआ जे रूप से कोन्हो वसतु के अलग हवक भाव परगट हव हे उकरा आपादान कहल जाइ/ गाछ ले पतइ गिरल/ गाछ से पलइ गिरलइ।
6. संबंध कारक – क/कर/केर – संगिआ आर सरबनाम के जे रूप से कोन्हो सबदेक लसतंगा बा लगाव बुझाइक तो उकरा सबंध कारक कहल जा हइ, जइसे – हमनिक आपन घर हइ, गाय कर घी।
7. अधिकरण – 0/एं – क्रिआ के सूचना देवे वाला संगिआ आर सरबनाम ,अधिकरण कहल जा हे। तेहर घरें पानी हो, वाहरे बइठल हथू।
8. संबोधन – एहो/अहो/हो/अरे – एहो काका हिंञ् आउ, गो माइ।
गो माइ,
एनी असबा हे,
ए गो सुना,
हम नाञ् जाइ पारबो गोइ।

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सर्वनाम

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किरिया

कारक

लिंग वचन

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