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लिंग खोरठा व्याकरण | JSSC CGL Khortha Notes

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लिंग खोरठा व्याकरण

लिंग

 परिभाखा

  • खोरठा में लिंग का अर्थ पुरूष और स्त्री से लगाया जाता है। इसमे जीव-जंतु के लिंग का विचार किया जाता है।

लिंग खोरठा व्याकरण Khortha Notes BY Jharkhand Exam Prep
लिंग खोरठा व्याकरण

लिंग बनाने के नियम

नियम- 1.‘वाइन’ जोइर के इसतिरलिंग बनवेकः

पुलिंग (पु०)

इसतिरलिंग  (स्त्री०)

साधु

सधुवाइन

महतो

महतवाइन

गुरु

गुरवाइन

पटवा

पटवाइन

बाबू

बबुवाइन

नउवा

नउवाइन

नियम- 2. ‘इन’ जोइर के इसतिरलिंग बनवेकः

पुलिंग (पु०)

इसतिरलिंग  (स्त्री०)

तेली

तेलिन

सुंडी

सुंडिन

बाउरी

बाउरिन

साँढ

साँढिन

बाघ

बाघिन

बढ़ी

बढ़िन

कोइरी

कोइरिन

सोनार

सोनारिन

नियम- 3. ‘ई’ जोइर के इसतिरलिंग बनवेक

पुलिंग (पु०)

इसतिरलिंग  (स्त्री०)

बड़का

बड़की

मुरगा

मुरगी

बाभन

बाभनी

काका

काकी

कुकुर

कुकरी

छोंडा

छोड़ी

जेठा

जेठी

नियम- 4. ‘आइन’ जोइर के इसतिरलिंग बनवेकः

पुलिंग (पु०)

इसतिरलिंग  (स्त्री०)

सेठ

सेठाइन

बनिया

बनिआइन

माँझी

मँझिआइन

बेदिया

बेदियाइन

नून

नूनछाइन

अन्य दूसरे लिग इस प्रकार होते हैं:

  • नाति – नातिन

  • टांगा- टंइंगला

  • नुनू – नुनी

  • थारा –  थारी

  • बाछा – बाछी

  • मरद – जनी

  • सूप – सुपली

  • दोना – टुपली

  • खांची- खंइचली

  • बकरा- छगरी

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