
संज्ञा – खोरठा व्याकरण
संज्ञा परिभाषा
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। दूसरे शब्दों में, नाम ही संज्ञा है।
संज्ञा के भेद
खोरठा में संज्ञा के निम्नलिखित भेद किए जाते हैं:
- व्यक्तिवाचक संज्ञा (बेगइत बाचक संज्ञा)
- जातिवाचक संज्ञा (जाइत बाचक संज्ञा)
- द्रव्यवाचक संज्ञा (जिनिस बाचक संज्ञा)
- समूहवाचक संज्ञा (गोंठ बाचक संज्ञा)
- भाववाचक संज्ञा (भाभ – गुण बाचक संज्ञा)
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Personal Noun)
जिस संज्ञा से किसी एक व्यक्ति, स्थान या वस्तु का बोध होता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण:
- व्यक्तियों के नाम: सोहन, नीरज, पूनम, चंदू
- नदियों के नाम: दामोदर, बराकर, रादू
- झीलों के नाम: मैथनडैम, तिलैयाडैम
- समुद्रों के नाम: हिन्द महासागर, अरब सागर
- पहाड़ों के नाम: दनुआ, महुदी
- गाँवों के नाम: चेटर, चितरपुर, गोला
- नगरों के नाम: राँची, टाटा, धनबाद
- सड़कों, दुकानों, प्रकाशनों के नाम: दैनिक भास्कर, हिन्दुस्तान
- त्योहारों और घटनाओं के नाम: होली, दिवाली, स्वतंत्रता दिवस
- ग्रह-नक्षत्रों के नाम: शनि, मंगल
- महीनों के नाम: अश्विन, कार्तिक
- दिनों के नाम: सोम, मंगल
2. जातिवाचक संज्ञा (Collective Noun)
वह संज्ञा जो किसी जाति या समुदाय का बोध कराए, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण:
- व्यक्तियों के नाम: आदमी, महिला, बच्चा, लड़का
- प्रकार के नाम: पक्षी, जानवर, पेड़, फूल
3. द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun)
वह शब्द जो किसी वस्तु, पदार्थ, या सामग्री का बोध कराता हो, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। यह संज्ञा अगणनीय होती है और इन्हें ढेर के रूप में तोला या मापा जाता है।
उदाहरण:
- पानी, घी, तेल, कोयला, चाँदी, सोना, फल, सब्जी, लोहा, चीनी आदि।
4. समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun)
वह संज्ञा जिससे वस्तुओं या व्यक्तियों के समूह का बोध होता है, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण:
- वस्तुओं का समूह: गुच्छा, कुंज, घौद
- व्यक्तियों का समूह: सभा, दल, मेला, जतरा, पेठिआ
5. भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)
वह शब्द जिससे हमें किसी भावना या गुण का बोध होता है, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। यह संज्ञा केवल अनुभव से समझी जाती है, इसका कोई आकार या रूप नहीं होता।
उदाहरण:
- मिठास, खटास, धर्म, थकावट, जवानी, मोटापा, मित्रता, सुन्दरता, बचपन, अपनापन, बुढ़ापा, प्यास, भूख, मानवता, क्रोध, चोरी, अच्छाई, लंबाई, वीरता, गिदराली, धधइनी आदि।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण
- सरिता की आवाज बहुत मिठास से भरी है।
यहाँ मिठास शब्द से आवाज के मीठेपन का बोध होता है, इसलिए मिठास भाववाचक संज्ञा है। - ईमानदारी से बड़ा कोई धर्म नहीं।
यहाँ ईमानदारी शब्द एक भावना प्रकट कर रहा है, इसलिए ईमानदारी भाववाचक संज्ञा का उदाहरण है।
भाववाचक संज्ञा के निर्माण के तरीके
भाववाचक संज्ञा का निर्माण संज्ञा, विशेषण, क्रिया, सर्वनाम और अव्यय के माध्यम से होता है:
- जातिवाचक संज्ञा से: बुढा → बुढ़ारी, मीता → मीतान, पंडित → पंडिताइ
- विशेषण से: गरम → गरमी, लंबा → लंबाई
- क्रिया से: लड़ाई → लड़ाई, मारेक → माइर
- सर्वनाम से: आपन → अपनउति
- अव्यय से: वाह → वाहबाही, साबास → साबासी
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण
- गुण: चतुराई, सुंदरइ, कंजुसइ
- अवस्था: जवानी, गिरदाली
- माप: लंबाई, चौड़ाई
- क्रिया: लड़ाई, पढ़ाई
- अन्य: मोह, ममता, खिसखिसि (गुस्सा)