4 जुलाई, 2022 को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सौर ऊर्जा के व्यापक विस्तार हेतु सौर ऊर्जा नीति, 2022 लागू की गई, जिसके तहत सौर ऊर्जा से 4,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक के लिये निर्धारित है।
प्रमुख बिंदु
सोलर पार्क, कैनाल टॉप सोलर, फ्लोटिंग सोलर जैसी कई योजनाओं के माध्यम से राज्य में सौर ऊर्जा के विकास हेतु विस्तृत नीति बनाई गई है।
अगले 5 वर्षों में राज्य में समेकित रूप से लगभग 4,000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा के अधिष्ठापन का लक्ष्य सरकार ने रखा है। इसके तहत यूटिलिटी स्केल पर लगभग 3,000 मेगावाट, डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर ऊर्जा के अंतर्गत 720 मेगावाट एवं ऑफग्रिड सोलर प्रोजेक्ट के तहत 280 मेगावाट के सोलर ऊर्जा प्लांट अधिष्ठापन का लक्ष्य तय किया गया है।
नई नीति में निजी निवेशकों के प्रोत्साहन हेतु सिंगल विंडो सिस्टम, पेमेंट मैकेनिज्म, लैंड बैंक के माध्यम से भूमि व्यवस्था समेत अन्य प्रावधान किये गए हैं।
समर्पित सौर ऊर्जा सेल, अधिकतम 60 दिनों के अंदर वैधानिक स्वीकृति 1,000 सोलर ग्राम के गठन की योजना, आर्थिक रूप से पिछड़े ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने की योजना की नीति के तहत क्रॉस सब्सिडी तथा थर्ड पार्टी और कैप्टिव उपयोग में छूट, 1% की दर से 25 वर्ष तक इंडेक्सेशन, बिजली बिल में छूट, 5 वर्ष तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर में 100% की छूट होगी।
सरकार द्वारा लक्ष्य के अनुरूप कार्यों के विश्लेषण हेतु दो उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।