समास खोरठा भाषा व्याकरण – वइसन सबदेक कहज जाहे जे दु बा दु से बेसी सबदेक जोड़नार बा नाता गोता से नावा सबद बा बेस अरथ रखे वाला सबदेक कहल जा हइ।
समास के भेदः-
समास के खोरठांञ सात भेद पावल जाहइ-
1. ततपुरूस समासः- ततपुरूस समासें आखिरी पद परधान हओहे,असल में ततपुरूस समासें कारक के क चिन के लोप भइ जाहे। जइसेः- वनमानुस,कड़बेचवा,लदखोर, |
2. कर्मधारय समास जेकर से पहिल सबद बिसेसन होवे हे ओकरा कर्मधारय समास कहल जाहइ। |
3. दिगु समास- जहा पहिल सबद संख्या होवेहे ओकरा दिगु समास कहल जाहे जइसेः- चारगोडवा, दुपहिया,तीनकोनिया,पचघरेनवा। |
4. द्वंद समास- द्वंद समास माने होवेहे जोडेक। जेकर दुइओ पद संज्ञा होवेहे आर बिच सबदेक मांझे संयोजक नुका जाहे ओकरा द्वंद समास कहल जाहे जइसे-दुध-भात, दही-चिउरा,जात-पात, कोना-खुची। |
5. अव्ययीभाव समास-अव्यय के जोर नार से जे सबद बनो हय ओकरा व्ययभव समास कहल जाहे। जइसेः- कोन बटे,उडंडील हर घरी,उपटी। |
6. नांञ समास- वइसन समासीक सबद केे कहल जाहे जेकर पहिल भाव से नकारातमक परकट होवेहे ओकरा नाञ समास कहल जाहे। जइसेः-अनसुन,अनजान,अनहोनी,। |
7. बहुब्रीहि समास- समास में आवल पद के छोडके जखन कोनहो दोसर अर्थ बा भाव के परकट करेहे ओकरा बहुब्रीहि समास कहल जाहे। |