राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ (NCERT Class 10 Notes): भूगोल की कक्षा 10 के पाठ्यक्रम में “राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ” शीर्षक के अंतर्गत, हम यह समझते हैं कि कैसे परिवहन और संचार हमारे देश की अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह अध्याय न केवल परिवहन के विभिन्न साधनों का परिचय कराता है, बल्कि यह भी बताता है कि ये साधन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को कैसे प्रभावित करते हैं। हम इस लेख में विभिन्न प्रकार के परिवहन, उनके लाभ, समस्याएँ और उनके साथ जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
Textbook | NCERT |
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Class | Class 10 Notes |
Subject | Geography |
Chapter | Chapter 7 |
Chapter Name | राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ |
Category | कक्षा 10 Geography नोट्स |
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Website | Jharkhand Exam Prep |
1. जीवन रेखाएँ: परिवहन और संचार
परिवहन और संचार को जीवन रेखाएँ कहा जाता है क्योंकि ये न केवल लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाते हैं, बल्कि वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान भी सुनिश्चित करते हैं। आधुनिक परिवहन और संचार के साधनों ने लोगों के बीच संपर्क को आसान और सुविधाजनक बना दिया है, जो अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
2. परिवहन के विभिन्न साधन
2.1. स्थल परिवहन
स्थल परिवहन तीन मुख्य श्रेणियों में विभाजित होता है:
- सड़क परिवहन
- रेल परिवहन
- पाइपलाइन
सड़क परिवहन
भारत में सड़क परिवहन विश्व के सबसे बड़े सड़क जालों में से एक है, जो लगभग 56 लाख किमी लंबा है। सड़क परिवहन को रेल परिवहन से पहले प्रारंभ किया गया था और इसे अधिक सुविधाजनक माना जाता है। विभिन्न प्रकार की सड़कों के माध्यम से, यह लोगों को उनके घरों तक पहुँचाने में सक्षम है।
सड़कों के प्रकार:
- स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग: यह 6 लेन का राजमार्ग है जो दिल्ली, कोलकत्ता, चेन्नई, और मुंबई को जोड़ता है। इसका उद्देश्य देश के चार प्रमुख महानगरों को आपस में जोड़ना है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग: ये सड़कें देश के दूरदराज के भागों को जोड़ने का कार्य करती हैं। इन्हें केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- राज्य राजमार्ग: ये सड़के राज्य की राजधानियों को जिलों के मुख्यालय से जोड़ती हैं। इनका निर्माण और रखरखाव राज्य सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किया जाता है।
- जिला मार्ग: ये सड़के जिले के विभिन्न प्रशासनिक केंद्रों को जोड़ती हैं और जिला परिषद के द्वारा देखी जाती हैं।
- अन्य सड़कें: ये सड़के ग्रामीण क्षेत्रों को शहरी क्षेत्रों से जोड़ती हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क परियोजना के तहत इन सड़कों के विकास को विशेष प्रोत्साहन मिला है।
- सीमांत सड़कें: ये सड़कें उत्तरी और पूर्वी सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ती हैं। इनका निर्माण भारत सरकार द्वारा सामरिक कारणों से किया गया है।
सड़क परिवहन की समस्याएँ
हालांकि सड़क परिवहन का महत्व अत्यधिक है, लेकिन इसके साथ कई समस्याएँ भी जुड़ी हुई हैं:
- लगभग आधी सड़कें कच्ची हैं, जो वर्षा के मौसम में काम के योग्य नहीं रहती हैं।
- यातायात और यात्रियों की संख्या के अनुपात में सड़कें अपर्याप्त हैं, जिससे भीड़भाड़ बढ़ती है।
- बढ़ते वाहनों के कारण सड़कों पर ट्रैफिक जाम होना आम बात है।
2.2. रेल परिवहन
रेल परिवहन भी भारत में एक महत्वपूर्ण साधन है, जो विशेष रूप से भारी वस्तुओं और लंबी दूरी की यात्रा के लिए उपयुक्त है। भारतीय रेल ने देश को जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसे 16 रेल प्रखंडों में विभाजित किया गया है।
रेल परिवहन के लाभ:
- यह देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ता है, जिससे राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलता है।
- व्यापार, भ्रमण, और तीर्थ यात्राओं में मददगार है।
- बड़ी मात्रा में सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाने में सक्षम है।
समस्याएँ:
हालांकि रेल परिवहन भी समस्याओं का सामना कर रहा है, जैसे:
- बिना टिकट यात्रा करना।
- चोरी और रेल संपत्ति को नुकसान।
- समय पर रेल नहीं चलना।
2.3. पाइपलाइन परिवहन
पाइपलाइन का उपयोग कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, और पानी को शोधनशालाओं और उद्योगों तक पहुँचाने के लिए किया जाता है। पाइपलाइन बिछाने की लागत भले ही अधिक होती है, लेकिन इसकी संचालन लागत कम होती है।
पाइपलाइन के लाभ:
- समय की बचत होती है।
- चोरी और बर्बादी की संभावना कम होती है।
- यह परिवहन को सुरक्षित और आसान बनाता है।
3. जल परिवहन
जल परिवहन एक अन्य महत्वपूर्ण साधन है, जो वस्तुओं को भारी मात्रा में ले जाने में सक्षम है। यह सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल है। भारत में 14,500 किमी लंबा आंतरिक जलमार्ग है, जिसमें से केवल 5,685 किमी का ही मशीनीकृत संचालन किया जाता है।
प्रमुख जलमार्ग:
- गंगा जलमार्ग: हल्दिया से इलाहाबाद तक 1,620 किमी।
- ब्रह्मपुत्र जलमार्ग: सदिया से धुबरी तक 891 किमी।
- पश्चिम तटीय नहर: केरल में कोट्टापुरम से कोल्लम तक।
समुद्री पत्तन
भारत की 7,516.6 किमी लंबी समुद्री तट रेखा पर 12 प्रमुख और 200 मध्यम और छोटे पत्तन हैं। ये प्रमुख पत्तन देश का 95 प्रतिशत विदेशी व्यापार संचालित करते हैं।
4. वायु परिवहन
वायु परिवहन सबसे तेज़ और आरामदायक साधन है, जो दुर्गम स्थानों तक पहुँचने में मदद करता है। 1953 में इसे राष्ट्रीयकृत किया गया था। प्रमुख एयरलाइन्स जैसे एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्स इस क्षेत्र में कार्यरत हैं।
प्रमुख हवाई अड्डे:
- इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (दिल्ली)
- छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (मुंबई)
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट (कोलकाता)
वायु परिवहन की समस्याएँ
हालांकि वायु परिवहन तेजी से यात्रा के लिए उपयुक्त है, लेकिन इसके भी कुछ सीमाएँ हैं:
- यह सभी व्यक्तियों की पहुँच में नहीं है, क्योंकि यह महंगा है।
- मौसमी परिस्थितियाँ इसे प्रभावित कर सकती हैं।
5. संचार सेवाएँ
संचार सेवाएँ जैसे टेलीफोन, रेडियो, टेलीविजन, और इंटरनेट, जानकारी का आदान-प्रदान करने में महत्वपूर्ण हैं। भारत में दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है।
निजी संचार
- डाक सेवाएँ, पत्र, और पैकेट भेजने की सुविधाएँ।
- विभिन्न प्रकार की डाक सेवाएँ जैसे रजिस्टर्ड डाक और पत्रिका।
जन संचार
- समाचार पत्र, रेडियो, और टीवी कार्यक्रम।
- मनोरंजन के साथ-साथ विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों की जानकारी प्रदान करते हैं।
6. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार दो या दो से अधिक देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान है। यह व्यापार समुद्री मार्गों द्वारा संचालित होता है, और लगभग 95 प्रतिशत व्यापार इसी माध्यम से होता है।
व्यापार संतुलन
व्यापार संतुलन उस अंतर को दर्शाता है जो किसी देश के आयात और निर्यात के मूल्य के बीच होता है। अगर निर्यात अधिक हो तो यह संतुलित व्यापार कहलाता है, और यदि आयात अधिक हो तो यह असंतुलित व्यापार होता है।
7. पर्यटन: एक व्यापार के रूप में
पर्यटन एक महत्वपूर्ण उद्योग है जो न केवल आर्थिक विकास में सहायक है, बल्कि राष्ट्रीय एकता को भी बढ़ावा देता है। भारत में विभिन्न प्रकार के पर्यटन जैसे सांस्कृतिक, चिकित्सा, और साहसिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पर्यटन के लाभ
- यह स्थानीय हस्तकला और सांस्कृतिक उद्यमों के विकास में मदद करता है।
- विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
- राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिलता है।
निष्कर्ष
इस अध्याय से हमें यह समझ में आता है कि परिवहन और संचार की सुविधाएँ केवल देश की अर्थव्यवस्था के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये जीवन रेखाएँ न केवल विकास को बढ़ावा देती हैं, बल्कि समाज में आपसी संबंध और सहयोग को भी मजबूत करती हैं। इस प्रकार, भारत की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में इनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।