दुमका झारखंड राज्य का एक अद्वितीय और आकर्षक जिला है, जिसे राज्य की उप-राजधानी का दर्जा प्राप्त है। यहाँ की अर्थव्यवस्था के बारे में जानकर यह समझ में आता है कि दुमका देश के भविष्य के रेशमी शहर के रूप में उभर रहा है।
अर्थव्यवस्था
दुमका, भारत का सबसे बड़ा कोकून उत्पादक जिला है। रेशम एक प्राकृतिक प्रोटीन फाइबर है जिसे विभिन्न कीटों के लार्वा द्वारा कोकून बनाने के लिए तैयार किया जाता है। दुमका जिले के सभी 10 ब्लॉक कोकून का उत्पादन करते हैं, लेकिन मुख्यतः 6 ब्लॉक—काथिकुंड, गोपिकंदर, शिकारीपारा, रanishwar, मसालिया और सरीयाहाट—सर्वाधिक कोकून का उत्पादन करते हैं। इस वित्तीय वर्ष में अब तक लगभग 79,67,435 कोकून का उत्पादन हुआ है। इसके अतिरिक्त, दुमका ने 18,27,457 रोग-मुक्त कोकून भी उत्पादित किए हैं।
दुर्भाग्यवश, यहां कोई उद्योग या लघु उद्योग नहीं है जो रेशम के कपड़े बनाने का काम करता हो। जबकि भागलपुर को रेशमी शहर के रूप में जाना जाता है, वहाँ कोकून का उत्पादन नहीं होता।
दुमका जिले के काथिकुंड, गोपिकंदर और दुमका ब्लॉकों में बड़े या लघु उद्योग स्थापित करने की अपार संभावनाएँ हैं, जिससे रेशम उद्योग को नई दिशा और विस्तार मिल सकता है।